बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले तेजस्वी यादव के एक बयान पर बवाल मच गया है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से लेकर क्षत्रीय संगठन और करनी सेना ने तेजस्वी से माफी मांगने को कहा है। जेडीयू और भाजपा ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है। जेडीयू प्रवक्ता का कहना है कि राजद ध्रुवीकरण की कोशिश में है।तेजस्वी कुछ भी बोल रहे हैं।
बता दें कि तेजस्वी ने एक चुनावी रैली में लालू राज की याद दिलाते हुए कहा था कि लालू जी के समय गरीब लोग भी सीना तान कर चलते थे। अगर हमारी सरकार आई तो हम सबको साथ लेकर चलेंगे।तेजस्वी के इस बयान को राजपूतों से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके बाद क्षत्रिय संगठन ने भी प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है यह बयान राजपूत समाज के खिलाफ है। करणी सेना के प्रदेश संयोजक पप्पू सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव का यह बयान निंदनीय है और इसके लिए उन्हें माफी मांगना चाहिए।
सुशील मोदी ने वीडियो जारी कर कहा कि RJD ने आज रोहतास की सभा में सवर्ण जातियों के बारे आपत्तिजनक टिप्पणी की है।RJD ने ऊँची जातियों के 10 % आरक्षण का भी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि राजद का अपमान करने का काम करता है। उन्होंने कहा कि रघुवंश बाबू को अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों में अपमानित होना पड़ा और राजद छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति ‘भूरा बाल’ साफ करने की रही है। यानी भूमियार, राजपूर, ब्राह्मण और कायस्थ का खात्मा करो। आज ये फिर से बिहार को जाप- पात में बाटना चाहते हैं।